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                                                                                     “उचित लोक सेवा फाउंडेशन”

                                                                                                    स्मृति- प‌त्र

  1. संस्था का नाम:-  “ उचित लोक सेवा फाउंडेशन “

  2. प्रधान कार्यालय:- इस संस्था के प्रधान कार्यालय- मुहल्ला- दिग्घी

                             वार्ड नं०-२, पो०- दिग्घी, थाना- मुरलीगंज  जिला- मधेपुरा पिन कोड- 852122 (बिहार) में रहेगा। आवश्यकतानुसार कार्यालय स्थान परिवर्तन की सूचना 15 दिनों के अंदर निबंधन विभाग को दे दी जाएगी।

  1. कार्यक्षेत्र:- इस संस्था का कार्यक्षेत्र संपूर्ण भारतवर्ष होगा।

  2. उद्देश्य:- इस संस्था के निम्नलखित मुख्य उद्देश्य होंगे :-

  1. समझ के गरीब, दलित, महादलित, अल्पसंख्यकों, कमजोर वर्भ वर्गो, के आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, नैतिक विकास हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का संचलन करना।

  2. संस्था द्वारा सिक्षित बेरोजगार युवक- युवतियों को स्वावलंबी बनाने हेतु टंकण कला, आशुलिपि, कम्प्य़ूटर, इलेकट्रॉनिक्स, तकनीकी, गैर तकनीकी एवं अन्य प्रकार के व्यावसायिक प्रशिक्षण देना एवं स्वावलंबी बनाने में मदद करना।

  3. महिलाओं को रोजगारोन्मुख बनाने हेतु सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, पेंटिंग, मधोबानी पेंटिंग, एपलिक, सौंदर्य एवं प्रसाधन एवं अन्य व्यवसायिक प्रशिक्षण देना एवं स्वावलंबी बनाने में मदद करना।

  4. महिलाओं एवं बच्चों को चौमुखी विकास हेतु महिला मंडल, स्वयं सहायता समूह, पालनागृह, पौष्टिक आहार केंद्र, महिला सशक्तिकरण आदि कार्यक्रमों का संचालन करना।

  5. समाज में व्याप्त कूरीतियों, जैसे बाल- विवाह, वैश्यवृत्ति, दहेज- प्रथा, संप्रदायवाद इत्यादि की समाप्ति करने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों, संगोष्ठियों, शिविर, पदयात्रा, प्रतियोगिता आदि का आयोजन करना। आदर्श विवाह एवं अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहित करना।

  6. समाज में व्याप्त निरक्षरता के अन्मूलन हेतु शिक्षा के विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन करना। विभिन्न स्थानों पर और विभिन्न स्तरों की शिक्षण संस्थान का संचालन करना। मेधावी गरीब छात्र- छात्राओं को प्रोत्साहित करना एवं उच्च शिक्षा ग्रहण करने में मदद करना।

  7. लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा हेतु स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना। असाध्य रोग, एड्स, कैंसर, टी०बी०, कालाजर, हेपेटाइटिस, आदि से बचने हेतु आवश्यक जानकारी देना एवं ग्रसित लोगों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना तथा स्वास्थ्य केंद्र के साफ-सफाई एवं अन्य कार्यक्रमों का संचालन करना।

  8. समाज के गरीब एवं नि:सहाय लोगों के आर्थिक विकास हेतु लघु उद्योग, कुटीर उद्योग, गृह उद्दयोग, खादी ग्रामोद्योग, मत्स्यपालन, मधुमकखी पालन, रेशम कीटपालन पशुपालन, डेयरी उद्योग, फल एवं खाद्य प्रसंस्करण का  प्रशिक्षण देना एवं स्वावलंबी बनने में मदद  करना। जनवितरण प्रणाली संबंधित कार्य करना।

  9. नेत्रहीन, मूक, बधीर, शारीरिक रूप से विकलांग एवं मानसिक रूप से अर्धविकसित बच्चों, लोगों के शोक्षणिक विकास हेतु कार्य करना। उनके लिए कल्याणकारी कार्यों का संपादन करना। विकलांगता के रोकथाम हेतु कार्य करना।

  10. उर्जा के संरक्षण हेतु बायो गैस प्लांट, सौर्य उर्जा के गैर पारंपरिक स्रोतों की जानकारी देना एवं उपलब्ध कराना।

  11. पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने हेतु वृक्षारोपण एवं कार्यक्रमों का संचालन करना। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में स्वच्छता अभियान का संचालन करना। लोगों को स्वच्छ पेयाल, शौचालय आदि उपलब्ध कराना।

  12. पंचायती राज, वयस्क मताधिकार, मानवाधिकार, सूचना के अधिकार, उपभोक्ता संरक्षण आदि के बारे में लोगों को जानकारी देना एवं उपलब्ध कराना।

  13. प्राकृतिक आपदा एवं अन्य आपातकाल में अनेकानेक जन कल्याणकारी कार्यक्रमों का संचालन करना। प्राकृतिक प्रलोपो से जन समुदाय को हर संभव सहयोग करना।

  14. कृषि एवं बागवानी के विकास हेतु कृषकों को आधोनिक औजार, उन्नत बीज, उन्नत खाद, वर्मी कम्पोस्ट, सिंचाई के उपयुक्त साधन, जलछाजन, जलसंचय, नलकूप, तालाब, पोखरा आदि उपलब्ध कराना। औषधीय पौधों के उत्पादन हेतु आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना। कृषक क्लब का संचालन करना।

                                                                                                                    “उचित लोक सेवा फाउंडेशन”

                                                                                                                                 नियमावली

  1. संस्था का नाम: उचित लोक सेवा फाउंडेशन

  2. परिभाषा:

       2.1 संस्था के अभिप्राय है:- “उचित लोक सेवा फाउंडेशन”

       2.2 समिति के अभिप्राय हैं:- संस्था की कार्यकारिणी समिति।

       2.3  पदाधिकारी के अभिप्राय हैं:- अध्यक्ष, सचिव एवं कोषाध्यक्ष।

       2.4 वर्ष से अभिप्राय हैं:- 01 अप्रैल से 31 मार्च तक।

       2.5 एक्ट से अभिप्राय हैं:- सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, 21, 1860

    3. सदस्यता कोई भी महिला एवं पुरुष जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो तथा संस्था के नियमों एवं उद्देश्यों का पालन करते हो वे इस संस्था के सदस्य बन सकते हैं। सदस्यता ग्रहण करने हेतु उन्हें विहित प्रपत्र में आवेदन देना होगा, जिसकी स्वीकृति या अस्वीकृति कर्यरिनी समिति द्वारा प्रदान की जाएगी। संस्था के प्रत्येक सदस्य को 51/- रु प्रवेश शुल्क एवं 121/- रु वार्षिक सदस्यता शुल्क देना होगा।

    4.सदस्यता से विमुक्ति

       निम्नलिखित दशाओं में सदस्यों की सदस्यता समाप्त की जाएगी:

       4.1 स्वयं त्याग पत्र देने पर।

       4.2 पागल या मृत्यु होने पर।

       4.3 समिति द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पारित करने पर।

       4.4 लगातार तीन वर्ष तक सदस्यता शुल्क नहीं देने पर।

       4.5 बिना सूचना के लगातार तीन बैठकों में अनुपस्थित रहने पर।

       4.6 न्यायालय द्वारा दंडित होने पर।

    5. कार्यकारिणी समिति का गठन:

        5.1 कार्यकारिणी समिति में पदाधिकारी सहित ०७(सात) सदस्य होंगे।

        5.2 कार्यकारिणी समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों का चुनाव आमसभा द्वारा किया    जाएगा।

        5.3 कार्यकारिणी समिति  का कार्यकाल पांच वर्षों का होगा। निवृत्त सदस्य पुनः चुने जा सकते हैं।

        5.4 अगर समिति में कोई पद रिक्त होगी तो उस पद पर समिति किसी सदस्य को मनोनीत कर सकती है। लेकिन वार्षिक बैठक में उसे विधिवत चुनाव करा लेना होगा। चुने हुए पदाधिकारी एवं सदस्य अपने पद के अनुरूप कार्य करेंगे।

    6. पदाधिकारियों के कार्य एवं अधिकार:-​

        

  1. संस्था के प्रत्येक बैठक का अध्यक्षता करना।

  2.  कार्यावाही पंजी पर अपना हताक्षर करना।

  3. किसी विषय पर सामान मत होने की स्थिति में अपने निर्णायक मत का उपयोग करना।

  4. उद्देश्य की पूर्ति हेतु  अन्य वैधानिक कार्य करना।

 

    सचिव 

  1. संस्था के प्रत्येक बैठक का आयोजन करना।

  2. संस्था की ओर से प्रचार करना करना।

  3. पंजियों एवं कागजातों को सुरक्षित रखना।

  4. आय- व्यय का लेखा बैठक में प्रस्तुत करना।

  5. संस्था के निधि का अंकेक्षण करना।

  6. कार्यवाही को कार्यवाही पंजी में लिखना एवं अध्यक्ष से हस्ताक्षर कराकर अपना हस्ताक्षर करना।

  7. कार्यकारिणी समिति के राय से कर्मचारियों की नियुक्ति एवं बर्खास्तगी के आदेश पारित करना।

  8. आवश्यकतानुसार अपने पास ५०००/- रू तक रखना और विशेष खर्च के लिए समिति की बैठक से पास कराकर कार्य करना।

  9. उद्देश्य की पूर्ति हेतु अन्य वैधानिक कार्य करना।

 

 

कोषाध्यक्ष

  1. संस्था के आय- व्यय का हिसाब रखना और सचिव के द्वारा आहूत बैठक में प्रस्तुत करना।

  2. संस्था के सदस्यता शुल्क, दान, चंदा आदि प्राप्त कर रसीद देना।

  3. संस्था के कोष को किसी बैंक या डाकघर में संस्था के नाम से जमा करना।

   

   

 

    7. कार्यकारिणी समिति के अधिकार एवं कार्य:-

       7.1 संस्था के चल एव अचल सम्पत्ति का उत्तरदयित्व होगा

       7.2 संस्था के सभी कार्यों का संपादन विधिवत करना तथा प्रस्ताव पारित करना।

       7.3 शाखा एवं उपशाखा का गठन करना।

       7.4 उद्देश्य की पूर्ति हेतु अन्य वैधानिक कार्य करना।

   8. आम सभा के अधिकार एवं अर्तव्य:

       8.1 समिति के पद्दधिकार एवं सदस्यों का निर्वाचन करना।

       8.2 संस्था के आय- व्यय लेखा पर विचार कर स्वीकृति देना।

       8.3 उद्देश्य की पूर्ति हेतु अन्य वैधानिक करना।

  1. अंकेक्षक की नियुक्ति करना

   9. बैठक

        9.1 कार्यकारिणी समिति की बैठक प्रत्येक तीन माह में होगी।

        9.2 आम सभा की बैठक प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह में होगी।

        9.3 कार्यकारिणी समिति एवं आमसभा की विशेष बैठक कभी भी बुलाई जा सकती है।

   10. बैठक की सूचना

         10.1 आम सभा के बैठक की सूचना 15 दिन पूर्व दी जाएगी।

         10.2 आम सभा की विशेष बैठक की सूचना 10 दिन पूर्व दी जाएगी।

         10.3 कार्यकारिणी समिति की बैठक की सूचना 7 दिन पूर्व दी जाएगी।

         10.4 कार्यकारिणी समिति की विदेश बैठक की सूचना 45 दिन पूर्व दी जाएगी।

         10.5 बैठक की सूचना, सूचिना पंजी पर हस्ताक्षर प्राप्त कर या दाक द्वारा दी जाएगी।

    11. पर्थित बैठक दो तिहाई सदस्यों की लिखाई मांग पर सचिव को एक माह के अंदर बैठक बुलाना होगा। यदि उक्त अवधि के अंदर बैठक का आयोजन नहीं करते है तो आवेदक का अधिकार होगा की आवेदन पत्र में लिखित विषय के लिए बैठक का आयोजन कर सकते हैं।

    12. कोरम (गणपूर्ती) प्रत्येक बैठक का कोरम कुल सदस्यों का दो तिहाई बहुमत होगा। कोरम के अभाव में बैठक स्थगित हो जाएगी और पुनः स्थगित बैठक के लिए कोरम की आवश्यकता नहीं होगी।

    13. आय का श्रोत:-

          13.1 सदस्यता शुल्क एवं प्रवेश शुल्क।

          13.2 सरकारी, गैर सरकारी, दान, अनुदान एवं सहायता।

 

     14. निधि का अंकेक्षन

           14.1 संस्था की आय- व्यय का लेखा नियमित रूप से रखा जाएगा तथा आमसभा द्वारा नियुक्त से प्रतिवर्ष कराया जाएगा।

           14.2 निबंधन महानिरीक्षक अपने विवेक से जब भी चाहे संस्था का अकेक्षण किसी मान्यता प्राप्त चार्टर्ड एकउंटेंट से करा सकते है। जिसका शुल्क संस्था द्वारा वहां किया जाएगा ।

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